अंशुपरिप्लावन
यन्त्रोपारोपितकोशांशः[सम्पाद्यताम्]
Vedic Rituals Hindi[सम्पाद्यताम्]
पृष्ठभागोऽयं यन्त्रेण केनचित् काले काले मार्जयित्वा यथास्रोतः परिवर्तयिष्यते। तेन मा भूदत्र शोधनसम्भ्रमः। सज्जनैः मूलमेव शोध्यताम्। |
अंशुपरिप्लावन न.
(अशोः परिप्लावनम्) ‘उन्नेतृ’ द्वारा संभाले गये होतृचमस (होता के प्याले) में सोम-सवन के समय ‘अध्वर्यु’ एवं ‘प्रतिप्रस्थातृ’ द्वारा जल उड़ेलना। [उन्नेतृ (उन्नेता) अध्वर्यु के ‘आहर’ एवं ‘उपसृज’ जैसे निर्देश पर होता के पानपात्र को संभालता है एवं ‘अध्वर्यु’ आदि ‘प्रागपाग’ आदि मन्त्रों के साथ जल उड़ेलते हैं], श्रौ.प.नि. 272.286; तुल.श्रौ.को. (अंग्रेजी) II पृ. 41०, 412।