औदुम्बरी
यन्त्रोपारोपितकोशांशः
[सम्पाद्यताम्]Monier-Williams
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पृष्ठभागोऽयं यन्त्रेण केनचित् काले काले मार्जयित्वा यथास्रोतः परिवर्तयिष्यते। तेन मा भूदत्र शोधनसम्भ्रमः। सज्जनैः मूलमेव शोध्यताम्। |
औदुम्बरी f. (with and without शाखा)a branch of the उदुम्बरtree S3Br. : La1t2y. Nya1yam. etc.
औदुम्बरी f. a kind of musical instrument
Vedic Rituals Hindi
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पृष्ठभागोऽयं यन्त्रेण केनचित् काले काले मार्जयित्वा यथास्रोतः परिवर्तयिष्यते। तेन मा भूदत्र शोधनसम्भ्रमः। सज्जनैः मूलमेव शोध्यताम्। |
औदुम्बरी स्त्री.
(उदुम्बर + अण् + ङीप्) उदुम्बरकाष्ठ से निर्मित एक कलछी, मा.श्रौ.सू. 6.2.5.11; यजमान की ऊँचाई वाला एक यज्ञ-स्तम्भ। यह ऊपर (शीर्ष पर) दो शाखाओं में बँटा होता है। इसे उद्गाता सदोमण्डप में एक चिह्न पर खड़ा करता है, पृष्ठ्या के साथ-साथ शालामुखीय से 6 कदम पूर्व एवं उसके बाद एक कदम दक्षिण में, बौ.श्रौ.सू. 6.25-26. इसके काँटे में एक सोने का टुकड़ा रख दिया जाता है एवं ‘घृतेन द्यावा पृथिवी आ पृणेथां स्वाहा’ इस मन्त्र से चम्मच के साधन से एक आहुति दी जाती है [उदुम्बर के काष्ठ से निर्मित एक थून (स्थूणा), जिसमें पूर्व के ओर उन्मुख एक ग्रन्थि (प्राचीन) कर्ण होता है, इसे अध्वर्यु समारोहपूर्वक ‘उद्गाता’ की सहायता से सदस् के एक मध्य बिन्दु पर ‘अन्तःपात्य’ से छः प्रक्रम (कदम) पूर्व एवं पृष्ठ्या के दक्षिणी तरफ उठाता है। यह सदस् के स्थूणों में सबसे अधिक घना होता है, और इसके ऊपर छदिस् रखा जाता है। इसे उठाना एवं गड्ढे में गाड़ना, आज्य की एक आहुति को वृद्धि प्रदान करता है, का.श्रौ.सू. 8.5.31 (पर्यूहणाद्योपसेचनात्कृत्वा------ वाचयत्योदुम्बरीमालभ्य प्रजया भूयादिति पशुभिरिति वा); भाष्य.आप.श्रौ.सू. 11.9.1०.5; बौ.श्रौ.सू. 6.26-27; द्रष्टव्य - श्रौ.प.नि. 242.173]।