पिण्डपितृयज्ञ

विकिशब्दकोशः तः


यन्त्रोपारोपितकोशांशः[सम्पाद्यताम्]

वाचस्पत्यम्[सम्पाद्यताम्]

पृष्ठभागोऽयं यन्त्रेण केनचित् काले काले मार्जयित्वा यथास्रोतः परिवर्तयिष्यते। तेन मा भूदत्र शोधनसम्भ्रमः। सज्जनैः मूलमेव शोध्यताम्।


पिण्डपितृयज्ञ¦ पु॰ पिण्डैः पितॄणां यज्ञः। साग्निकगृहस्थ-कर्त्तव्ये पित्र्युद्देश्यके पिण्डदानात्मके यज्ञभेदे आश्व॰ श्रौ॰



६ सूत्रादौ कात्या॰ श्रौ॰

४ ।

१ ।

१ सूत्रादौ च दृश्यम्। तत्कालश्च
“अपराह्णे पिण्डपितृयज्ञश्चन्दादर्शनेऽमा-वास्यायाम्” तत्रत्यं प्रथमसूत्रम्।

Vedic Rituals Hindi[सम्पाद्यताम्]

पृष्ठभागोऽयं यन्त्रेण केनचित् काले काले मार्जयित्वा यथास्रोतः परिवर्तयिष्यते। तेन मा भूदत्र शोधनसम्भ्रमः। सज्जनैः मूलमेव शोध्यताम्।


पिण्डपितृयज्ञ पु.
(पिण्डसाध्यः पितृयज्ञः) पितरों के लिए चावल के गोलों का यज्ञीय अर्पण, का.श्रौ.सू. 4.1.28; चि.भा.से. पितरों के लिए पिण्ड-अर्पण का यज्ञ, इसे दर्श का अङ्ग माना गया है इसका अनुष्ठान साकमेध एवं महापितृयज्ञ में भी किया जाता है, आप.श्रौ.सू. 8.13-16, इसे स्वतन्त्र कृत्य भी माना गया है, मी.सू. 4.4.19-21; द्रष्टव्य - यज्ञतत्त्वमी. चि.स्वा पृ. 52; का.श्रौ.सू. 4.129 (प्रकरणकाललिङ्गानुग्रहवचनानाहितागिन्श्रुतिभ्योऽनङ्गम्) दर्श के अङ्ग के रूप में इसका अनुष्ठान अमावस्या के दिन होता है (का.श्रौ.सू. 4.1.28 की स.वृ.के अनुसार चतुर्दशी के अपराह्न में); दक्षिणागिन् पर चावल पकाया जाता है। ‘स्फ्य’ से भूमि पर एक रेखा खींच दी जाती है। चावल के तीन पिण्ड बनाये जाते हैं एवं यजमान प्राचीनावीती होकर अथवा अपसव्य अवस्था में (अर्थात् जनेऊ दाहिने कन्धे पर रहे, इस प्रकार) अपने पिता, पितामह एवं प्रपितामह के लिए एक के बाद एक पिण्डों को अपनी हथेली से रेखा पर गिराता है; प्रपितामह के आगे अथवा जीवित के लिए कोई पिण्ड अर्पित नहीं किया जाता है, आश्व.श्रौ.सू. 2.6.2०-23। इसके बाद पिण्डों को एक वस्त्र के आँचल (दशा) से ढक दिया जाता है। पिण्ड पर जल गिराकर पितरों को विदा किया जाता है। पत्नी द्वारा मध्य पिण्ड का भक्षण करवाया जाता है, ताकि वह गर्भिणी हो सके। अन्य दो पिण्ड या तो जल में विसर्जित कर दिये जाते हैं अथवा एक पात्र में संगृहित किये जाते हैं। यजमान इन्हें सूंघता है, बौ.श्रौ.सू. 3.1०-11, का.श्रौ.सू. 4.1, आप.श्रौ.सू. 1.7.1०, आश्व.श्रौ.सू. 2.6-7।

"https://sa.wiktionary.org/w/index.php?title=पिण्डपितृयज्ञ&oldid=479257" इत्यस्माद् प्रतिप्राप्तम्