panchtantra kahaniya
किसी जंगल में सभी जीव आपस में मिल-जुल कर रहते थे ! सभी अपने-अपने काम-धंधे में लगे रहते थे ! सबका जीवन व्यवस्थित सुचारू रूप से चल रहा था ! जंगल में एक विशाल बरगद का पेड़ था, जहां सभी जीव एकत्रित हो अपना सुख-दुःख बताते – बतियाते !! सभी अपने-अपने विचारों से एक दूसरे को अवगत कराते ! सभी विषयों पर स्वस्थ परिचर्चायें होती ! सभी एक दुसरे का सम्मान करते ! वह एक सार्वजनिक स्थल था, जहां निःसंकोच कोई भी अपने विचार रख सकता था ! कुछ दिन बाद दूसरे जंगल से एक कुत्ता घूमते-घामते इस जंगल में आ गया ! दरअसल वह अपने कारनामों की वजह से ही उस जंगल से निकाल दिया गया था ! वह भी उस बरगद के नीचे होनेवाली सभा में जाने लगा और अपना मेलजोल बढ़ाने लगा ! कुछ ने उसके विचारों का समर्थन भी किया ! कुछ चाटुकारों का साथ मिलते ही वह घमंड से चूर हो गया ! उसने कुछ और विचार रखे ! उसके चमचे जानवरों ने उसकी बहुत वाह-वाह की ! वह फूलकर कुप्पा हो गया ! घमंड उसके सर इतना चढ़ गया कि वह किसी को कुछ समझ ही नहीं रहा था ! कुछ सज्जन जीवों ने उसे बार-बार समझाने कि कोशिश की, पर समझदारी से तो जैसे उसका नाता दूर-दूर तक नहीं था ! सज्जन जीव प्रायः हो-हल्ला और हंगामें से दूर ही रहना पसंद करते हैं ! सो उन्होंने उससे बोलना बंद कर दिया ! इसे उसने उन सज्जनों की कमजोरी समझा और अपने कुछ उज्जड साथियों के साथ दूसरों पर भौंकता ही रहा ! कई जीवों ने उसे सभ्यता से समझाने कि कोशिश की, परन्तु वह जानता था कि जंगल में प्रजातांत्रिक व्यवस्था है और अभिव्यक्ति की आज़ादी है, सो वह स्वच्छंद होकर भौंकता रहा ! जो भी उसको समझाने जाय वह उसको भौंकते हुए काटने को दौड़े ! कई लोगों ने उसे समझाया कि अगर तुममे क़ाबलियत है तो अपने अच्छे विचार प्रस्तुत करो और सबको प्रभावित करो ! पर उसे तो विचारों से दुश्मनी थी ! वह तो दूसरे को परेशान करने में ही अपनी बहादुरी समझता था ! धीरे-धीरे सारे जीव उससे किनारा करने लगे ! प्रारंभ में कई लोग उसके भौंकने से परेशानी महसूस करते थे, अब वे ही उसके अनर्गल भौंकने का मजा उठाने लगे ! स्थिति यह हो गयी कि अब अन्य जीव अपने यहाँ किसी मेहमान के आने पर उसके मनोरंजन के लिए उस कुत्ते का भौंकना सुनवाने लगे ! सभी जीवों ने उसे एक निरर्थक भौंकने वाला कुत्ता मान लिया, और उसके भौंकने को मनोरंजक रूप में लेने लगे ! वह भी निःशुल्क ! जंगल का जीवन पुनः सामान्य हो गया ! तथ्य : अनर्गल प्रलाप क्षण भर को आकर्षित करता है !