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सदस्यसम्भाषणम्:सतीश भार्गवः

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विषयः योज्यताम्
विकिशब्दकोशः तः

इन्द्रवज्रा छन्दः[सम्पाद्यताम्]

इन्द्रवज्रा छन्द के प्रत्येक चरण में 11-11 वर्ण होते हैं । इस का लक्षण इस प्रकार से है:

स्यादिन्द्रवज्रा यदि तौ जगौ गः ।

इसका अर्थ है कि इन्द्रवज्रा के प्रत्येक चरण में दो तगण, एक जगण और दो गुरु के क्रम से वर्ण रखे जाते हैं । इसका स्वरुप इस प्रकार से है: ऽऽ । ऽऽ । ।ऽ । ऽऽ तगण तगण जगण दो गुरु

इन्द्रवज्रा छन्द के प्रत्येक चरण में 11-11 वर्ण होते हैं । इस का लक्षण इस प्रकार से है:

स्यादिन्द्रवज्रा यदि तौ जगौ गः ।

इसका अर्थ है कि इन्द्रवज्रा के प्रत्येक चरण में दो तगण, एक जगण और दो गुरु के क्रम से वर्ण रखे जाते हैं । इसका स्वरुप इस प्रकार से है: ऽऽ । ऽऽ । ।ऽ । ऽऽ तगण तगण जगण दो गुरु

उदाहरण: ऽ ऽ । ऽऽ । । ऽ । ऽ ऽ विद्येव पुंसो महिमेव राज्ञः प्रज्ञेव वैद्यस्य दयेव साधोः । लज्जेव शूरस्य मुजेव यूनो, सम्भूषणं तस्य नृपस्य सैव॥

यहाँ प्रत्येक पंक्ति में प्रथम पंक्ति वाले ही वर्णों का क्रम है । अतः यहाँ इन्द्रवज्रा छन्द है । सतीश भार्गवः (सम्भाषणम्) ०२:३७, १४ मार्च २०१९ (UTC)